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30+ Best Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2023। बेस्ट मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी हिंदी में। Ghalib ki Shayari। Ghalib k Sher

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दोस्तो क्या आप Best Mirza Ghalib Shayari in Hindi। बेस्ट मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी हिंदी में। Mirza Ghalib ki Shayari in Hindi। Ghalib k Sher। Ghalib Ki Shayari धुंध रहे थे? तो आप सही जगह पे आए हो।

यहां हम आपके लिए Best Shayar Mirza Ghalib जी की Best Hindi Shayari on Love लाए हे। हम आशा करते हे आपको ये पसंद आयेगी। आप इन्हें अपने चाहनेवालो के साथ भी शेयर करिए।

Ghalib Shayari on Bewafai
हे कुछ ऐसी ही बात जो चुप हूं
वरना क्या हमे बात करनी नही आती।
😌😌😌
आज हम वहां हे जहां से हमको भी
कुछ हमारी खबर नहीं आती।
😪😪😪
चाहें ख़ाक में मिला भी दे किसी याद सा भुला भी दे,
महकेंगे हसरतों के नक़्श हो कर पायमाल भी ।।
💔💔💔
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का।
उसी को देख कर जीते है जिस काफ़िर पे दम निकले।
💔💔💔
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए
साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था ।।
💔💔💔
💔💔💔
जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ 
ग़ालिब
ज़ख्म का एहसास तब हुआ
जब कमान देखी अपनों के हाथ में।
💔💔💔
💔💔💔
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि
हर ख़्वाहिश पे दम निकले।
बहुत निकले मिरे अरमान
लेकिन फिर भी कम निकले।
💔💔💔
बेवजह नहीं रोता इश्क़ में कोई ग़ालिब
जिसे खुद से बढ़कर चाहो वो रूलाता ज़रूर है।।
💔💔💔
हम जो सबका दिल रखते है;
सुनो हम भी एक दिल रखते है।।
💔💔💔
दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए।।
💔💔💔
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।।
💔💔💔
हम भी दुश्मन तो नहीं है अपने
ग़ैर को तुझसे मोहब्बत ही सही 
💔💔💔
Ghalib Shayari on Love
दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई।
दोनों को इक अदा में रज़ामंद कर गई।।
❤️❤️❤️
चाँद मत मांग मेरे चाँद जमीं पर रहकर
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर।।
❤️❤️❤️
बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद।
कोई साजिश छुपा रहा है चाँद।।
❤️❤️❤️
खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा
निगाहे शेर पढ़ती हैं तो लब इरशाद करते है।।
❤️❤️❤️
वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत है
कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते है।।
❤️❤️❤️
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर।।
❤️❤️❤️
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।।
❤️❤️❤️
Ghalib Shayari on Life
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना।
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना।।
🔥🔥🔥
न था कुछ तो ख़ुदा था
कुछ न होता तो ख़ुदा होता।
डुबोया मुझ को होने ने
न होता मैं तो क्या होता।।
🔥🔥🔥
मरते हैं आरज़ू में मरने की
मौत आती है पर नहीं आती 
🔥🔥🔥
ज़िन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते
कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िन्दगी देकर।
🔥🔥🔥
ऐ बुरे वक़्त ज़रा अदब से पेश आ
क्यूंकि वक़्त नहीं लगता वक़्त बदलने में।
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कितना ख़ौफ होता है शाम के अंधेरों में
पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते।।
🔥🔥🔥
हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ
जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा ।।
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हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’
मर गया पर याद आता है
वो हर इक बात पर कहना कि
यूँ होता तो क्या होता।।
🔥🔥🔥
कब वो सुनता है कहानी मेरी
और फिर वो भी ज़बानी मेरी 
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हाथों की लकीरों पे मत जा
ऐ गालिब
नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते 
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